मुंबई। सरकार के मालिकाना वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने डिजिटल बदलाव पर 600 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। एलआईसी के चीफ रिस्क ऑफिसर (सीआरओ) सुंदर कृष्णन ने कहा कि एलआईसी 2 साल में पूरी तरह कागज रहित कामकाज करने की योजना पर विचार कर रही है।

बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कृष्णन ने कहा, हमने पहले ही 400 करोड़ रुपये से अधिक लागत से सिस्टम एग्रीगेटर रखा है। 100 करोड़ रुपये में डिजिटल बदलाव के लिए सलाहकार नियुक्त किया है। वहीं 100 करोड़ रुपये एजेंसी ट्रांसफॉर्मेशन पर खर्च कर रहे हैं। इस तरह से डिजिटल बदलाव पर कुल 600 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में एलआईसी ने घोषणा की थी कि उसने अपने अगली पीढ़ी के डिजिटल प्लेटफॉर्म को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी दिग्गज इंफोसिस को शामिल किया है, जो कंज्यूमर और सेल्स सुपर ऐप, पोर्टल और कॉर्पोरेशंस के लिए के लिए डिजिटल शाखाओं सहित हाई वैल्यू बिजनेस ऐप्लीकेशंस की नींव रखेगी। यह जीवन बीमाकर्ता के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कार्यक्रम का हिस्सा है।

इसके अलावा एलआईसी ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एलआईसी की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की पहल से ग्राहकों की सेवाएं बेहतर होंगी। ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर विवेक अय्यर ने कहा, ‘जनसांख्यिकी में बदलाव व नई आबादी के अर्थव्यवस्था में प्रवेश के साथ एलआईसी अपने ग्राहक गंवा रही है और नई बीमा कंपनियां बाधारहित और बेहतर सेवाएं देकर उन्हें लुभा रहे हैं।

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